नई दिल्ली। कांग्रेस के बड़े नेताओं का ठीक लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होना पार्टी के आलाकमान के लिए चिंता का विषय बन गया है. स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मसले पर प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा की, लेकिन उन्हें मोदी ने टका सा जवाब दे दिया.
इस बात का खुलासा खुद खड़गे ने लोनावला में कांग्रेस पदाधिकारियों के लिए दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करते हुए किया. खड़गे का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण कांग्रेस से सालों का नाता तोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि संसद में एक बैठक के दौरान उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री मोदी से भाजपा में शामिल होने वाले मंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों की बढ़ती संख्या के बारे में पूछा. खड़गे ने विपक्ष के नेताओं को अपने पाले में लेने की सत्तारूढ़ पार्टी की भूख पर सवाल उठाया.
खड़गे ने कहा, ‘उन्होंने (प्रधानमंत्री) कहा कि अगर लोग भाजपा में शामिल होना चाहते हैं तो वह क्या कर सकते हैं. मैंने उनसे कहा कि वे (भाजपा) लोगों को डराकर यह काम (अवैध शिकार) कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग अपने (सरकार के) काम के कारण शामिल होना चाहते हैं.
खड़गे ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं ने कुछ लोगों को बड़ा नेता बना दिया, जो फिर भाग खड़े हो गए, जो कि कायरतापूर्ण कृत्य के अलावा और कुछ नहीं है. “लेकिन हमें डरने की ज़रूरत नहीं है. अगर हम डरे हुए हैं, तो हम खत्म हो जाएंगे, लेकिन अगर हम लड़ेंगे, तो हम जिंदा रहेंगे और एक दिन जीत हमारी होगी. मुझे यकीन है कि आप सभी इसके लिए तैयार हैं.”
बता दें कि महाराष्ट्र में कांग्रेस के बड़े नेता पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. भाजपा ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया. अशोक चव्हाण से पहले बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस छोड़ी थी. बाबा सिद्दीकी, जहां महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी दल अजीत पवार की राकांपा में तो मिलिंद देवड़ा दूसरी ओर एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए.