- राशन दुकानों में स्टॉक सत्यापन को घोटाला बताना भाजपा का दिमागी फितूर
- केंद्रीय टीम आई थी वस्तुस्थिति देख कर गयी भाजपाई ताली पीट रहे
रायपुर/12 मई 2023। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिये संचालित उचित मूल्य की दुकानों में स्टॉक के सत्यापन को घोटाला बताया जाना भाजपा का दिमागी फितूर है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 36000 करोड़ का नान घोटाला करने वाली भाजपा को सपने में भी घोटालों की याद आती है। पिछले चार साल में भूपेश सरकार के ऊपर एक भी रू. का घोटाले का प्रमाणिक आरोप नहीं लगा पाने वाली भाजपा केंद्रीय एजेंसियों, केंद्रीय विभाग की टीम भेज कर सरकार की छवि खराब करने की कोशिशों में लगी रहती है। ईडी सीबीआई सहित पूरी केंद्रीय टीम इसी में लगी है। किसी के द्वारा की गयी शिकायत और उस शिकायत के निराकरण के लिये जांच टीम का आना घोटाला नहीं हो जाता। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की टीम जांच करने आई थी उसे पूरी वस्तु स्थिति से अवगत करा दिया गया। राज्य में कांग्रेस की भूपेश सरकार है, रमन राज के समान सरकार पोषित घोटाला नहीं होता, गड़बड़ियां करने वालों पर कार्यवाही होती है। राज्य में किसी प्रकार का कोई भी घोटाला नहीं हुआ है बल्कि गड़बड़ी करने वालों पर कार्यवाहियां की गयी है। राज्य सरकार ने 13992 राशन दुकानों के स्टॉक का भौतिक सत्यापन करवाया है तथा जहां पर गड़बड़ी पायी गयी उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की गयी तथा एफआईआर भी दर्ज करवाया गया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता झूठे आरोप लगा रहे कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में छत्तीसगढ़ में सही वितरण नहीं हुआ जबकि खुद भारत सरकार के पीआईबी से जारी कोरोना काल 12 जनवरी 22 को जारी प्रेस नोट में स्पष्ट लिखा गया था कि 2021-22 के चरण III और IV के दौरान छत्तीसगढ़ राशन बंटवारे के श्रेष्ठ लक्ष्य प्राप्त करने वाले राज्यों में प्रमुख है। छत्तीसगढ़ 98 प्रतिशत, त्रिपुरा 97 प्रतिशत, मिजोरम 97 प्रतिशत, दिल्ली 97 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल 97 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने वाले प्रमुख राज्य थे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा राज्य सरकार के ऊपर झूठे एवं मनगढ़ंत आरोप लगाकर पूर्व रमन सरकार के दौरान हुई 36000 करोड़ के चावल चोरी के महापाप से बरी नहीं हो सकती। पूरा प्रदेश को पता है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने कोविड-19 के दौरान प्रदेश की जनता को प्रत्येक महीना 35 किलो के हिसाब से दो-दो महीने का चावल निशुल्क दी है। साथ ही दूसरे राज्यों के लोग जो छत्तीसगढ़ में थे उनको भी मुफ्त में राशन उपलब्ध कराई है। भूपेश बघेल सरकार 48 महीना से हर महीना प्रत्येक परिवार को 35 किलो चावल दी थी। केंद्र सरकार से जारी रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की लाभार्थियों की संख्या तीसरे और चौथे चरण में 98 प्रतिशत थी जो देश के अन्य राज्यों से ज्यादा है ।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ गरीबों के चावल में घोटाला तो रमन राज में हुआ था, जब 36000 करोड़ के गरीबों के चावल में डाका डाल दिया गया और इस घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके परिजनों की संलिप्तता के प्रमाण भी नान डायरी में सामने आया था। मेडम सीएम, ऐश्वर्या रेसीडेंसी वाली मेडम तक करोड़ों रू. पहुंचने का नान डायरी में उल्लेख था। जब कांग्रेस की सरकार बनी तब गरीबों के चावल में यहां डकैती के नान घोटाले की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया गया तो भाजपा के वरिष्ठ नेता धरमलाल कौशिक कोर्ट से स्टे लेकर आ गये थे। जब घोटाला किया था तो स्टे किस बात का? नान घोटाले की जांच से डर रही है भाजपा। घोटालेबाज भाजपा फर्जी आरोपों पर कांग्रेस सरकार को बदनाम कर रही है।