हमने लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए काम किया : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

हमने लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए काम किया : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री ने कहा – “हर वर्ग को सुविधा मिले, जिसके वे हकदार हैं”

“गोबर से भी कैसे पैसा कमाया जा सकता है छत्तीसगढ़ सरकार ने बताया”

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राजस्थान पत्रिका समूह के एफएम तड़का द्वारा आयोजित बिजनेस आईकॉन अवॉर्ड में की शिरकत

रायपुर, 25 अगस्त 2022/
“छत्तीसगढ़ में बीते साढ़े तीन साल में परिस्थितियां बदली हैं। हर वर्ग के आय को बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने काम किया है। हमने लोगों का जीवन स्तर सुधारने के लिए काम किया है। हर वर्ग को सुविधा मिले, जिसके वे हकदार हैं।” यह बातें मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहीं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राजस्थान पत्रिका समूह के एफएम तड़का द्वारा आज रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित बिजनेस आईकॉन अवॉर्ड में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान उन्होंने एफएम तड़का की ओर से चयनित छत्तीसगढ़ राज्य के 21 बिजनेसमैन को सम्मानित किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि बीते दिन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के कार्यक्रम में ऑटोमोबाइल सेक्टर के बिजनेसमैन से मिले और आज राजस्थान पत्रिका समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बिजनेसमैन लोगों से बात करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ में लगातार उद्योग-व्यापार बढ़ रहा है। हम किसान, मजदूर, गरीब से लेकर उद्योगपति, व्यापारी, पत्रकार और सरकारी कर्मचारी तक सबको राहत देने के लिए कुछ-न-कुछ कर रहे हैं। परिस्थितियों के अनुरूप आज के दौर में अर्थव्यवस्था को संभालना कठिन कार्य है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग-व्यापार के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि उनके पास ग्राहक हों और ग्राहक के पास पैसा हो, तभी उद्योगों का पहिया घूमेगा। ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाएं आपके ग्राहकों के जेब में पैसे डालने का कार्य कर रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि किसानों की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना लायी गई, जिससे उन्हें उनकी उपज का उचित दाम मिला और वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ हुए। भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के जरिए ऐसे मजदूर जिनके पास अपनी कृषि भूमि नहीं है साथ ही पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े लोगों को सात हजार रुपये सालाना दिया जा रहा है। कोरोना संकट काल में भी छत्तीसगढ़ में मनरेगा के काम जारी रखकर 28 लाख मजदूरों को काम उपलब्ध कराया गया, जिससे उनकी आर्थिक जरूरतें पूरी हो सकीं। मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले मिलेट्स की खरीदी छत्तीसगढ़ में नहीं होती थी। वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार ने धान के अलावा मिलेट्स की खरीदी शुरू की। वर्तमान में धान समेत मिलेट्स और लघुवनोपजों को सबसे ज्यादा कीमत पर छत्तीसगढ़ में खरीदा जा रहा है। महुआ जैसे लघुवनोपज को नए ढंग से संग्रहण करने की विधि अपनायी गई, जिससे के बाद इंग्लैंड में यह कई गुना अधिक कीमत पर बिक रहा है। वहां इसकी मांग भी बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने वन धन विकास केन्द्रों में महिलाओं और वनवासी ग्रामीणों द्वारा बनाए जा रहे विभिन्न उत्पादों का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने वनवासियों की आजीविका के स्त्रोत बढ़ाने पर काम किया है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गोबर से भी कैसे पैसा कमाया जा सकता है, यह बात छत्तीसगढ़ सरकार ने पूरे देश-दुनिया को बता दी है। गांवों में ग्रामीण आजीविका पार्क की स्थापना कर हर गांव में उद्योग शुरू किए जा रहे हैं, जहां अनेक तरह के उत्पादों का निर्माण और संवर्धन, प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा है, इससे ग्रामीणों को काम मिल रहा है और उनकी आय में भी वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि, आज छत्तीसगढ़ की ग्रामीण महिलाओं के चेहरे पर आत्मविश्वास दिखाई देता है, जिसकी तुलना नहीं की जा सकती। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा में स्थापित डेनेक्स से आज दुनियाभर को कपड़ों की सप्लाई हो रही है। सरकार की नीतियों से लोग बंदूक छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं और इन ग्रामीण उद्योगों से जुड़कर काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचार और प्रयासों पर बात करते हुए कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के बच्चों को भी भविष्य में बेहतर अवसर उपलब्ध हों, इस दृष्टिकोण से स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुआत की गई। अब पूरे छत्तीसगढ़ में स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले जाने की मांग हो रही है।

मुख्यमंत्री ने राजस्थान पत्रिका समूह को ऐसे आयोजन कर उद्योगपतियों और व्यापारियों को समाज के लिए बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने पर धन्यवाद दिया।

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