प्रथम ईसुरी पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार पंडित अमृत लाल दुबे की जयंती समारोह सोल्लास संपन्न-

प्रथम ईसुरी पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार पंडित अमृत लाल दुबे की जयंती समारोह सोल्लास संपन्न-

बिलासपुर I पंडित अमृतलाल दुबे जयंती समारोह समिति एवं तुलसी साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्त्वावधान में छत्तीसगढ़ के यशस्वी साहित्यकार स्व. पंडित अमृतलाल दुबे की 98वीं जयंती बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री रतन लाल डांगी, आईपीएस के मुख्य आतिथ्य, प्रख्यात भाषाविद् डाँ. विनय कुमार पाठक, पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की अध्यक्षता एवं श्री अरुण कुमार यदु के विशिष्ट आतिथ्य में सम्पन्न हुआ I

इस अवसर पर सुप्रसिद्ध समाजसेवी पंडित गोपाल प्रसाद तिवारी, ग्राम हाँफा एवं बिलासपुर के डाँ. विवेक तिवारी, डाँ. श्रीमती अर्चना तिवारी, डाँ. श्रीमती विजय लक्ष्मी पाठक तथा श्री अरुण कुमार यदु जी का सम्मान शाल, श्रीफल एवं स्मृति-चिह्न भेंट करके किया गया I

इस अवसर पर नगर के वरिष्ठ शायर श्री केवल कृष्ण पाठक की कृति “गजल की बात गजलों के साथ” एवं वरिष्ठ साहित्यकार कवि श्री भरत वेद जी की कृति “टहनी” हिंदी लघुकथा-संग्रह का विमोचन सम्माननीय अतिथियों द्वारा किया गया I

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी गीतों की संगीतकार श्री राम निहोरा राजपूत एवं वरिष्ठ कवि श्री भरत वेद द्वारा पंडित अमृतलाल दुबे के छत्तीसगढ़ी गीतों की संगीतमय प्रस्तुति की गयी I

इस अवसर पर अतिथियों का पुष्पहार से स्वागत किया गया I अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि श्री डांगी ने कहा कि साहित्यकार समाज को नई दिशा देता है | हर व्यक्ति को साहित्यिक काव्यों का अध्ययन करना चाहिए ताकि अपनी नवीनतम रचनाओं में निरभयता के साथ समाज में अपने विचार रख सके |

अध्यक्षीय उद्बोधन में डाँ. पाठक ने कहा कि पंडित अमृतलाल दुबे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे I उन्होंने जहां तुलसी के बिरवा जगाय के माध्यम से छत्तीसगढ़ी लोकगीतों के संरक्षण का कार्य किया, वहीं हिंदी एवं छत्तीसगढ़ी कविताओं, आलेखों एवं कहानियों से साहित्य को समृद्ध किया है I

उनके छत्तीसगढ़ी लोकगीतों पर केन्द्रित अम्रर कृति तुलसी के बिरवा जगाय को मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रथम ईसुरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया I वे आदिम जाति कल्याण विभाग में उप संचालक के उच्च पद पर रहते हुए भी साहित्य की सेवा करते रहे I

इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार श्री बजरंग बली शर्मा ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आलेख पढ़ा I वहीं उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप वरिष्ठ कवि श्री राजेश कुमार सोनार एवं वरिष्ठ कवि श्री सनत तिवारी द्वारा कविता का पठन किया गया I

इस अवसर पर आयोजित काव्य गोष्ठी में अंचल एवं नगर के जिन कविगणों ने काव्य पाठ किया वे हैं— केवल कृष्ण पाठक, बुधराम पाठक, बामन चंद्र दीक्षित, बसंत शर्मा, डा. ओमप्रकाश, विजय तिवारी, राजेश सोनार, अशरफी लाल, सुनील वर्मा, सनत तिवारी, आनंद कश्यप, विश्वनाथ कश्यप, अभिषेक दुबे, महेंद्र दुबे, मीना दुबे, विनीता सिंह, आशा कश्यप, विवेक तिवारी, संतोष शर्मा, विजय लक्ष्मी शर्मा, धनेश्वरी सोनी, बजरंग बली शर्मा, एम डी मानिकपुरी, दिनेश पाण्डेय, दिलेश्वर जाधव, आभा गुप्ता, आर एन राजपूत, दीनदयाल यादव, आनद सिघनपुरी, एन के शुक्ला, भरत वेद, किरण शर्मा, बिधात्री शर्मा, प्रमुख हैं |

आयोजन का संचालन डाँ. राघवेन्द्र दुबे और डाँ. विश्वनाथ कश्यप ने किया एवं काव्य गोष्ठी का सफल संचालन श्री बालमुकुन्द श्रीवास ने किया एवं आभार प्रदर्शन श्री महेंद्र दुबे ने किया I समारोह में नगर के अनेक गणमान्य नागरिक एवं साहित्यकार उपस्थित थे I

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