मंत्री  टी.एस. सिंहदेव के विभागों के लिए 11,196 करोड़ रूपए से अधिक की अनुदान मांगे पारित

मंत्री टी.एस. सिंहदेव के विभागों के लिए 11,196 करोड़ रूपए से अधिक की अनुदान मांगे पारित

रायपुर. 21 मार्च 2022. छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, वाणिज्यिक कर और 20-सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव के विभागों के लिए कुल 11 हजार 196 करोड़ 82 लाख 98 हजार रूपए की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित की गईं। इनमें पंचायत तथा ग्रामीण विकास से संबंधित व्यय के लिए 3494 करोड़ 83 लाख 43 हजार रुपए, पंचायती राज संस्थाओं को वित्तीय सहायता के लिए 3472 करोड 98 लाख 91 हजार रुपए, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 2823 करोड़ 18 लाख 85 हजार रुपए, चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित व्यय के लिए 1108 करोड़ 93 लाख 51 हजार रुपए, वाणिज्यिक कर विभाग से संबंधित व्यय के लिए 293 करोड़ तीन लाख तीन हजार रुपए तथा 20-सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग से संबंधित व्यय के लिए तीन करोड़ 85 लाख 25 हजार रुपए की अनुदान मांगें शामिल हैं।

स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने विभागीय अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि घोषणा पत्र की कई बातों को पिछले तीन वर्षों में लागू किया गया है। जो रह गया है उन्हें आने वाले समय में लागू करेंगे। इन्हें पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत बीपीएल राशन कॉर्डधारी परिवारों को सालाना पांच लाख रूपए तक के निःशुल्क इलाज की पात्रता प्रदान कर इसके दायरे में आने वाले परिवारों की संख्या बढ़ाई गई है। आयुष्मान योजना के तहत एसईसीसी (SECC) में शामिल प्रदेश के 39 लाख परिवार ही पांच लाख रूपए तक के इलाज के लिए पात्र थे। राशन कॉर्ड के आधार पर पात्रता तय करने से अब प्रदेश के 57-58 लाख परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। श्री सिंहदेव ने सदन में बताया कि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 14 चिन्हांकित बीमारियों के उपचार के लिए 20 लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसमें कुछ और बीमारियों को भी शामिल किया जा रहा है।

श्री सिंहदेव ने विभागीय अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है। कोरोना काल को छोड़कर वित्तीय वर्ष 2021-22 में ओपीडी इलाज के लिए प्रदेश भर में दो करोड़ 22 लाख पंजीयन हुए हैं। वहीं आईपीडी में औसतन प्रति माह 3580 पंजीयन हुए हैं। कोरोना के इलाज के लिए अस्पतालों में व्यापक व्यवस्थाएं की गई थीं। सभी जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन सुविधा वाले 100-100 बिस्तरों के साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी ऑक्सीजन सुविधा वाले बिस्तरों का इंतजाम किया गया था। मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए प्रदेश में तेजी से ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की गई। आज प्रदेश में 107 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र हैं। कोविड-19 के प्रबंधन में 16 हजार मेडिकल स्टॉफ ने लगातार अपनी सेवाएं दी हैं। कोरोना की रोकथाम के लिए दवा खरीदी हेतु राज्य शासन द्वारा अपनाई गई नीति से 170 करोड़ रूपए की बचत हुई है।

श्री सिंहदेव ने कहा कि अस्पतालों में मानव संसाधन को मजबूत करने 541 चिकित्सा अधिकारियों और 273 विशेषज्ञ चिकित्सों की भर्ती की गई है। इसके साथ ही एमबीबीएस डिग्रीधारी 1070 और पोस्ट ग्रेजुएट डिग्रीधारी 247 अनुबंधित डॉक्टर भी सरकारी अस्पतालों में पदस्थ किए गए हैं। किडनी रोगों की अधिकता वाले देवभोग क्षेत्र के सामुदायिक अस्पताल और गरियाबंद जिला चिकित्सालय में डायलिसिस की सुविधा आगामी अप्रैल माह में शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि मुंगेली में सीटी स्कैन मशीन के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही जांजगीर-चांपा जिले के सारागांव में दस बिस्तरों के अस्पताल के 30 बिस्तर वाले अस्पताल के रूप में उन्नयन के लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान किया जाएगा।

श्री सिंहदेव ने अनुदान मांगों की चर्चा के जवाब में कहा कि लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने जरूरत के मुताबिक मनरेगा कार्य शुरू करने के निर्देश सभी जिलों को दिए गए हैं। सामग्री मद में भुगतान के लिए 290 करोड़ और प्रशासनिक व्यय के लिए 114 करोड़ रूपए की राशि आज ही भारत सरकार से प्राप्त हुई है। इससे इन मदों में लंबित राशि का भुगतान शीघ्र कर लिया जाएगा। प्रदेश में अनेक जरूरतमंद श्रमिकों को 100 दिनों से अधिक का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इस अतिरिक्त रोजगार के भुगतान के लिए राज्य शासन द्वारा 87 करोड़ रूपए की व्यवस्था की जाएगी। प्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 42 हजार 992 विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत चार हजार से अधिक गांवों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण तथा लिक्विड वेस्ट प्रबंधन कार्य के लिए 2677 गांवों को कार्ययोजना में शामिल किया गया है।

विधानसभा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, वाणिज्यिक कर और 20-सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में विधायक सर्वश्री डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, शैलेष पाण्डेय, अजय चन्द्राकर, संतराम नेताम, धर्मजीत सिंह, प्रकाश शक्राजीत नायक, नारायण चंदेल, प्रमोद शर्मा, शिवरतन शर्मा, रजनीश कुमार सिंह, केशव चंद्रा, पुन्नुलाल मोहिले, श्रीमती ममता चंद्राकर और श्रीमती रंजना साहू ने भाग लिया।

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