रमन सिंह को बचाने धरमलाल कौशिक ले रहे अदालतों का सहारा- कांग्रेस

रमन सिंह को बचाने धरमलाल कौशिक ले रहे अदालतों का सहारा- कांग्रेस

36 हजार करोड़ के नान घोटाला की जांच रोकवाने के बाद अब झीरम घाटी कांड की जांच को रोकने पहुंचे हैं न्यायालय
जोगी एक्सप्रेस
रायपुर/12 मई 2022। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को बचाने के लिए अदालत का सहारा ले रहे हैं। राज्य सरकार के द्वारा जब 36 हजार करोड़ के नान घोटाला के जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया तब भी धरमलाल कौशिक न्यायालय पहुंचकर एसआईटी जांच को रोक लगाने की मांग किये थे और अब झीरम घाटी कांड की जांच के लिए राज्य सरकार के द्वारा आठ नए बिंदु तय किया गया और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को भी जांच के दायरे में लाया गया तब भी धरमलाल कौशिक न्यायालय पहुंचकर जांच आयोग के लिए तय 8 बिंदुओं की जांच को रोकने का प्रयास कर रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक न्यायालय के माध्यम से झीरम घाटी कांड की जांच में जोड़े गए आठ नए बिंदु पर रोक लगाने की मांग से छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ जनता के आगे भाजपा के असली चरित्र को उजागर किया है। वर्तमान स्थिति में भाजपा का कलंकित चरित्र उजागर हो गया। प्रदेश की जनता समझ गई कि भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार कभी नहीं चाहती थी कि झीरम घाटी कांड की सच्चाई सामने आए और झीरम घाटी कांड के षड़यंत्रकारियो को सजा मिले?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा देश की पहली राजनीतिक दल है जो पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए षड़यंत्रकारियों को सजा दिलाने की मांग को लेकर न्यायालय नहीं जाती बल्कि अपराध और घोटालो की जांच के लिए गठित कमेटी को जांच करने से रोकने न्यायालय जाती है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को बताना चाहिए झीरम घाटी कांड के पीड़ितों को न्याय मिलेगा, अपराधी सलाखों के पीछे होंगे इससे भाजपा को तकलीफ क्यों हो रहा है? भाजपा झीरम घाटी कांड की जांच को न्यायालय के माध्यम से रोक कर षड़यंत्रकारियों को क्यों बचाना चाहती है? पूर्व में गठित जांच आयोग के कार्यकाल को जब रमन सरकार ने 12 बार बढ़ाया और अब झीरम घाटी कांड की जांच कर रहे आयोग के कार्यकाल को बढ़ाया गया और उसमें 8 नए बिंदु जोड़े गए साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को जांच के दायरे में लिया गया तब भाजपा को तकलीफ क्यों हो रही है?

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