जांजगीर. छत्तीसगढ़ की एक मात्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जांजगीर लोकसभा की सीट पर 6 राउंड की गिनती पूरी हो चुकी है. अब तक की गिनती के बाद जांजगीर चांपा से भाजपा प्रत्याशी कमलेश जांगड़े 47,954 वोट से आगे चल रही. जांजगीर चांपा लोकसभा में कुल 13 लाख 89 हजार 12 वोट हैं. अब तक कुल 8 लाख 14 हजार 44 वोटों की गिनती हो चुकी है, जिसमें बीजेपी प्रत्याशी कमलेश जांगड़े को 401,626 वोट मिले. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी शिव कुमार डहरिया को 353,672 वोट मिले हैं.
जांजगीर लोकसभा से इस बार कुल 20 प्रत्याशी मैदान पर रहे. इस बार भाजपा ने महिला प्रत्याशी कमलेश जांगड़े पर दांव लगाया है. वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री शिव डहरिया मैदान में उतरे हैं. बसपा से भी रोहित डहरिया चुनाव लड़े हैं. 2019 के आम चुनाव में यहां बहुत मजेदार चुनावी मुकाबला देखने को मिला था. भाजपा के प्रत्याशी गुहाराम अजगले ने पिछले चुनाव में 83,255 मतों के अंतर से जीत दर्ज किया था. उन्हें 5,72,790 वोट मिले थे. गुहाराम अजगले ने कांग्रेस के उम्मीदवार रवि भारद्वाज को हराया, जिन्हें 4,89,535 वोट मिले.
2019 में ये थे चुनाव परिणाम
- गुहाराम अजगले (भाजपा) 5,72,790 वोट अंतर (45.91% वोट दर)
- रवि भारद्वाज (कांग्रेस) 4,89,535 वोट अंतर (39.24% वोट दर)
- दाऊ राम रत्नाकर (बसपा) 1,31,387 वोट (10.53% वोट दर)
- नोटा 9,981 वोट (0.8% वोट दर)
इस बार बढ़ा मतदान प्रतिशत
7 मई को हुए तीसरे चरण के मतदान में जांजगीर लोकसभा के मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. इस बार कुल 67.56 प्रतिशत वोट पड़े. छत्तीसगढ़ का जांजगीर-चांपा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र भारत की चुनावी राजनीति में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है. जांजगीर-चांपा की जनसांख्यिकी विविधताओं से भरी है और चुनावी नजरिए से यह छत्तीसगढ़ के लोकसभा क्षेत्रों में रोचक और अहम है. इस निर्वाचन क्षेत्र में विगत 2019 के लोकसभा चुनाव में 65.57% मतदान हुआ था.
जानिए इस चुनाव में विधानसभावार कहां कितने वोट पड़े
- अकलतरा विधानसभा में 71.39 %
- जांजगीर चांपा विधानसभा में 73.10%
- सक्ती विधानसभा में 71.79%
- चंद्रपुर विधानसभा में 67.50%
- जैजैपुर विधानसभा में 65.10%
- पामगढ़ विधानसभा में 64.48%
- बिलाईगढ़ विधानसभा में 64.95%
- कसडोल विधानसभा में 64%
कलेक्टर के “घर आ जा संगी‘‘ अभियान को मिला अच्छा प्रतिसाद
मतदान का प्रतिशत बढ़ाने जांजगीर-चांपा कलेक्टर एवं निर्वाचन अधिकारी आकाश छिकारा के निर्देशन एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गोकुल कुमार रावटे के मार्गदर्शन में विशेष अभियान चलाया गया. पलायन किए मतदाताओं को लोकसभा निर्वाचन में 07 मई को मतदान करने घर वापस बुलाने के लिए ‘‘घर आ जा संगी’’ अभियान चलाया गया. इस अभियान के अंतर्गत जिले के 32502 पलायन किए लोगों से बातचीत की गई. मतदाताओं को बुलाने ‘‘घर आ जा संगी‘‘ अभियान का अच्छा प्रतिसाद मिला. मतदान के लिए 11 हजार 903 श्रमिकों की घर वापसी हुई.
दो विधानसभा में महिला वोटर अधिक
जांजगीर लोकसभा में 20 लाख 52 हजार मतदाता हैं. इनमें चंद्रपुर और बिलाईगढ़ विधानसभा में महिला वोटरों की संख्या अधिक है. चंद्रपुर में 1 लाख 17 हजार 599 पुरुष और 1 लाख 19 हजार 803 महिला मतदाता हैं. इसी तरह बिलाईगढ़ विधानसभा में 1 लाख 53 हजार 99 पुरुष और 1 लाख 53 हजार 579 महिला मतदाता हैं, जबकि कसडोल विधानसभा में महिला और पुरुष मतदाताओं में मात्र 58 का अंतर है. यहां 58 पुरुष मतदाता अधिक हैं. जांजगीर चांपा लोकसभा में सर्वाधिक मतदाता कसडोल विधानसभा में हैं. यहां तीन लाख 68 हजार 136 मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाता एक लाख 84 हजार 96 और महिला मतदाता एक लाख 84 हजार 38 है, जबकि सबसे कम मतदाता सक्ती विधानसभा में हैं. यहां दो लाख 16 हजार 915 मतदाता हैं.
1984 में पहली बार खिला था कमल
जांजगीर-चांपा लोकसभा में 1984 में पहली बार भाजपा ने इस सीट पर अपना पैर जमाना शुरू किया. इससे पहले भारतीय जनसंघ के रूप में पार्टी पांच बार दूसरे स्थान पर रही. भाजपा के कद्दावर नेता दिलीप सिंह जूदेव ने पहली बार 1989 में पार्टी का खाता खोला और कांग्रेस के प्रभात मिश्रा को हराया. अगली बार 1991 में कांग्रेस पार्टी के भवानी लाल वर्मा ने दिलीप सिंह जूदेव को हराया. हालांकि 1996 में मनहरण लाल पांडेय और 2004 में करुणा शुक्ला ने पार्टी को जीत दिलाई. तब से लगातार यह सीट भाजपा के खाते में है.
जानिए लोकसभा और विधानसभा में वोट शेयर की स्थिति
लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस का वोट शेयर 39.06 फीसदी था, जबकि बीजेपी का वोट शेयर 46.03 फीसदी था. बसपा को भी 10.06 प्रतिशत वोट मिले थे. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर इस लोकसभा में 45.09 प्रतिशत था, जबकि बीजेपी का वोट शेयर 35.06 प्रतिशत था. बसपा 10.07 प्रतिशत में सिमट गई, जबकि वर्ष 2018 के विधानसभा में उसे 25.01 फीसदी वोट मिले थे. इस तरह बसपा का जनाधार विधानसभा चुनाव में पिछले विधानसभा की अपेक्षा कम हुआ है.