भरोसे का सम्‍मेलन की बजाय, भरोसे का अनुष्‍ठान सम्‍मेलन अगर कहें तो बहुत अच्‍छा होगा:मल्लिकार्जुन खरगे

भरोसे का सम्‍मेलन की बजाय, भरोसे का अनुष्‍ठान सम्‍मेलन अगर कहें तो बहुत अच्‍छा होगा:मल्लिकार्जुन खरगे

श्री मल्लिकार्जुन खरगे ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज के इस ‘भरोसे का
सम्मेलन’ में जो नेतागण उपस्थित हैं, हमारे केन्‍द्र के एआईसीसी की जनरल सेक्रेटरी कुमारी
शैलजा जी, छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय नेता मुख्‍यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी, विधान सभा अध्‍यक्ष श्री
चरणदास महंत जी, उपमुख्‍यमंत्री श्री टीएस सिंहदेव जी, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के
अध्‍यक्ष दीपक बैज जी और सीनियर ली‍डर श्री ताम्रध्‍वज साहू जी और छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल के
सारे सदस्‍यगण, पीसीसी के सभी नेतागण, डीसीसी, ब्‍लॉक, यूथ, महिला सेवादल, सभी संगठन
के हमारे साथि‍यों, जय जौहार, जय छत्तीसगढ़ महतारी।
ये छत्तीसगढ़ का जो ‘भरोसे का सम्‍मेलन’ हो रहा है जिसमें हमारे सभी नेताओं ने इसमें भाग
लिया, तो ऐसा सम्‍मेलन शायद देश के किसी कोने में या किसी भाग में नहीं हुआ है। ये पहली बार
है कि हर जगह ये ‘भरोसे का सम्‍मेलन’ यहां छत्तीसगढ़ में हो रहा है और इसका नेतृत्‍व भूपेश
बघेल जी कर रहे हैं।
मेरा एक सजेशन है जरा सोचकर आप देखिए (श्री भूपेश बघेल जी की ओर इशारा करते हुए कहा)
कि भरोसे का सम्‍मेलन की बजाय, भरोसे का अनुष्‍ठान सम्‍मेलन अगर कहें तो बहुत अच्‍छा
होगा, क्‍योंकि सिर्फ भरोसे का सम्‍मेलन बोलें तो सिर्फ भरोसा दिए उसका सम्‍मेलन ऐसा अर्थ
निकलता है मेरे हिसाब से, क्‍योंकि मेरी हिंदी कमजोर है न, लेकिन ये भरोसे का अनुष्‍ठान
सम्‍मेलन… तो ये अनुष्‍ठान करके, लोगों को पैसे देकर, महिलाओं की मदद करके, विद्यार्थ‍ियों की
मदद करके, युवाओं की मदद करके, किसानों की मदद करके अनुष्‍ठान होने के बाद ऐसे सम्‍मेलन
हर जगह हो। तो ये अनुष्‍ठान सम्‍मेलन बहुत भारी संख्‍या में चल रहा है। तो इसीलिए मुझे खुशी
है और मेरी अध्‍यक्षता में कांग्रेस का 85वां महा‍‍अधिवेशन छत्तीसगढ़ में हुआ, ये मेरे जीवन में भी
एक नया इतिहास यहां पर आपने स्‍थापित किया।
भाजपा सरकार नगरनार स्‍टील प्‍लांट का जो प्राईवेटाईजेशन करना चाह रही है, अभी उसका
जिक्र भूपेश बघेल जी ने किया। अगर नगरनार स्‍टील कारखाना जो 2009 में अप्रूव हुआ था,
लेकिन मोदी सरकार उसको आगे नहीं बढ़ा रही है, क्‍योंकि ये सब प्राईवेट को देना चाहते हैं मोदी
जी, क्‍योंकि जब प्राईवेट को देंगे तभी उनको कुछ मिलेगा, अगर सरकार करेगी तो गरीबों को
मिलेगा। इसीलिए ये जो है स्‍टील प्‍लांट इसके लिए मजबूती के साथ आपको लड़ना होगा और
इसको बनाकर आपको बताना होगा, क्‍योंकि इसका फायदा गरीबों के लिए है, करोड़ों रुपए का
यहां पर व्‍यवहार होता है और युवकों को नौकरी मिलती है, इसीलिए ये जरूरी है कि पब्लिक

सेक्‍टर या गवर्नमेंट इसको चलाए और मजबूती के साथ अगर इसको चला दिया तो हजारों लोगों
को इसमें नौकरी मिलेगी।
मोदी साहब हमेशा अच्‍छे इंस्टीट्यूशंस को भी खराब करते हैं और उन्होंने Disinvestment की
लिस्‍ट में भी डाल दिया था, कई प्‍लांट वो हर जगह बेचते आए, कांग्रेस बनाती आई, मोदी जी
बेचते जा रहे हैं। हम लोगों की मदद कर रहे हैं, लेकिन वो उनकी रोटी-रोजी छीन ले रहे हैं, ये
आपको सोचना चाहिए खासकर दलित, पिछड़े, अति पिछड़े और आदिवासी, गरीब लोगों को ये
सोचना जरूरी है, क्योंकि पैसे वालों को कोई दु:ख और दर्द नहीं है, उनके पास बच्चों को पढ़ाने के
लिए पैसे हैं, अच्छे से रहने के लिए पैसे हैं, अपना जीवन बिताने के लिए पैसे हैं, लेकिन गरीब
अपना पेट भरने के लिए काम करता है और वो कुछ नहीं मांगता, हमारे हाथों को काम दो।
इसीलिए सोनिया गांधी जी मनरेगा योजना लाईं, मनरेगा योजना से हजारों लोगों को, लाखों
लोगों को काम मिल रहा है और ये जो स्‍टेट में मनरेगा का काम कराते हैं, उन चीफ मिनि‍स्‍टरों
को भी सताते हैं, सेन्‍ट्रल से जल्‍दी फंड नहीं आता, उसकी वजह से काम रुक जाता है, लेकिन यहां
पर मैं कहूंगा बड़ी हिम्‍मत के साथ कि भूपेश बघेल केन्‍द्र से पैसा आने दो या नहीं आने दो, लेकिन
अपना काम कभी उन्‍होंने रोका नहीं। ये देन है, ये कांग्रेस की देन है और बघेल साहब के मंत्रिमंडल
की देन है, सभी ने मिलकर इस छत्तीसगढ़ की सरकार को आप चला रहे हो, इसलिए मैं आप लोगों
को बधाई देता हूं और जो काम केंद्र सरकार को करना चाहिए वो काम हमारी कांग्रेस पार्टी की
सरकार यहां पर कर रही है।
मोदी साहब यहां पर आए और छत्तीसगढ़ के जंगल, जमीन, पानी इसके बारे में कुछ नहीं बोले, वो
यहां आए सिर्फ छत्तीसगढ़ की सरकार को गालियां देना और ये कहना… यहां तक मैं भी सुना कि ये
सरकार गोबरी बेचकर पैसा खा रहे हैं। अरे गोबरी बेचकर पैसा अगर खाते तो इतना डेवलपमेंट
छत्तीसगढ़ में नहीं होता। गोबरी बेचने वाले, खाने वाले गाय के नाम पर बीजेपी है, कांग्रेस नहीं।
कांग्रेस हमेशा लोगों की मदद करती है, लोगों को मजबूत बनाने के लिए गोबरी लेना, कॉर्पोरेट
सोसायटी को देना। दूसरी चीज भी छोटी-मोटी जो कॉटेज इंडस्ट्री है उनकी भी ये सरकार मदद कर
रही है, लेकिन मोदी साहब को ये सहन नहीं हो रहा है, वो हमेशा ये सोचते हैं कि कांग्रेस की
सरकार कैसे गिराएं और कांग्रेस को कुछ न कुछ बोलकर धब्बा लगाने का काम उनका है और इस
छत्तीसगढ़ में जो डायरेक्ट बेनिफिट 5 सालों में 1,75,000 करोड़ ट्रांसफर हुआ है और 5 सालों में
छत्तीसगढ़ में 40 लाख लोग गरीबी से ऊपर उठे हैं, इतना होते हुए मोदी जी ये कहते हैं छत्तीसगढ़
में करप्‍शन है।
अरे 15 साल आपने रूल किया, 15 साल में बीजेपी क्‍या करके दिखाई। जैसे कि धान खरीदने का
उन्‍होंने कहा, जो लिमिट थी उससे भी ज्‍यादा खरीदने का काम ये छत्तीसगढ़ की सरकार ने किया,
भूपेश बघेल ने किया। हर चीज केन्द्र सरकार जो कहती है उससे भी आगे जाकर छत्तीसगढ़ की
सरकार करती है। भाईयों मैं और एक बात आपके सामने रखना चाहता हूं। पहले तो 27 जिले थे,
आज कम से कम 33 जिले हो गए हैं, पहले 150 तहसील थीं, आज 233 तहसील हो गई हैं,
छत्तीसगढ़ के लोगों की आमदनी 38 परसेंट बढ़ी और राशन कार्ड भी उसी ढंग से बढ़ता गया 58
लाख से आज 73 लाख हो गए हैं। तो इसीलिए आप सोचिए जो चीज पिछली गवर्नमेंट ने नहीं की,
बीजेपी ने नहीं की, वो काम अगर कांग्रेस के चीफ मिनिस्‍टर और सरकार करती है तो यहां पर
आकर मोदी साहब को उनकी प्रशंसा करना चाहिए, वो छोड़कर वो गालियां देने का एक ही काम

करते हैं, बार-बार सबको कुछ न कुछ बोलते हैं और यहां तक उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस अपनी पार्टी
आउटसोर्सिंग की है, ये कहते हैं।
अरे आउटसोर्सिंग तो उन्‍होंने किया, अडानी को दिया, बड़े-बड़े लोगों को दिया, उनकी सरकार को,
बीजेपी की सरकार को वो लोग चला रहे हैं। हमारे पास तो लाखों कार्यकर्ता हैं, सैकड़ों नेता हैं, हम
चलाते हैं कांग्रेस को, हम तुम्‍हारे जैसे आउटसोर्सिंग नहीं है। इस देश में जो लोकतंत्र हैं, उस
लोकतंत्र के तहत अगर आपको चलना है तो सबको लेकर चलना है, लेकिन यहां पर तो सिर्फ 2
लोग चलाते हैं सरकार केन्‍द्र की, 2 ही लोग चलाते हैं – एक तो मोदी साहब कहते हैं, दूसरा अमित
शाह, उसको अनुष्‍ठान में लाते हैं। 2 ही लोग, दूसरा किसी को पता नहीं क्‍या होना है, क्‍या नहीं
होना है। कभी हमारे मुख्‍यमंत्रियों को बुलाकर आपने चर्चा की, आपको क्‍या चाहिए, क्‍या कमीं
है, लोगों की समस्याएं क्‍या हैं, ये कभी उन्‍होंने नहीं पूछा और शायद बघेल साहब यहां बैठे हैं,
सिंहदेव जी बैठे हैं कभी आपको बुलाकर अपने टेबल पर घंटो तक बात की, कोई चर्चा की (श्री
भूपेश बघेल से पूछा)।
तो जिस आदमी के पास डेमोक्रेटिक तरीके से बात करने की हिम्‍मत नहीं होती, वो देश को कैसे
संभालेंगे। बड़ी-बड़ी बातें तो करते हैं और यहां तक की अच्‍छा करने की बजाय, मुख्‍यमंत्रियों को,
सरकारों को धमकी देते हैं मेरी बात सुनो, अगर नहीं सुनोगे तो मैं आपके पीछे ईडी लगाऊंगा। मेरी
बात सुनो, अगर आप नहीं सुनोगे तो मैं आपके पीछे इंकम टैक्‍स लगाऊंगा। इस ढंग से उन्‍होंने
ईडी, इंकम टैक्‍स, विजिलेंस, पुलिस ऑफिसर, इन सबका इस्‍तेमाल कर रहे हैं। अरे भाई देश को
ईडी और सीबीआई अगर इनसे सरकार चलाना है तो फिर आपकी क्‍या जरूरत है, आपकी जरूरत
नहीं, आप घर में बैठिए बस, इतना क्‍यों घूम रहे हो फिर, हर जगह जा रहे हैं। तेलंगाना जाते हैं
वहां कुछ क्रिटिसाइज करते हैं, छत्तीसगढ़ आते हैं, राजस्‍थान जाते हैं, मध्‍यप्रदेश जाते हैं, मेघालय
जाते हैं, हर जगह जाते हैं और झूठ बोलकर आते हैं।
अभी आप ही ने कहा मैं वो इस्‍तेमाल करूंगा (श्री भूपेश बघेल से कहा)… तो बघेल साहब ने
बोला- ‘झूठ’। मैं तो उनकी झूठी बातें सुन-सुनकर परेशान हो गया हूं, क्‍यों‍कि मैं उनकी बातें 9
साल से सुन रहा हूं और आप 5 साल से सुन रहे हो, तो आपको आधा मालूम है, मुझे पूरा मालूम है।
तो ये जो मोदी करते हैं, हमेशा झूठ बोलते हैं, सिर्फ झूठ ही नहीं झूठों के सरदार हैं वो… ठीक है
भाई पहले बोले वो कि मैं 2 करोड़ नौकरियां दूंगा – 2 करोड़ नौकरियां मिलीं आपको (जनता से
पूछा), (जनता ने कहा – नहीं) तो हम समझेंगे चलो 1 झूठ बोले। दूसरा बोले- 15-15 लाख
तुम्‍हारी जेब में डालूंगा, मिले आपको (जनता से पूछा), (जनता ने कहा – नहीं) चलो ये भी एक
झूठ है और किसानों की आमदनी दोगुना करूंगा, हो गया आपका, जो भूपेश ने दिया वही है आपके
पास, मोदी का क्‍या है बोलिए। तो मोदी झूठ बोलते हैं इसीलिए मैं बोल रहा हूं झूठों के सरदार।
एक बार बोलें तो ठीक है चलो भाई गलती में बोल दिया, लेकिन झूठ पर झूठ, हर बार और हर
जगह जाते हैं। अरे म्युनिसिपालिटी कॉर्पोरेशन इलेक्‍शन नहीं छोड़ रहे हैं, तुमको कहां छोड़ेंगे।
एमएलए इलेक्‍शन वहां चले, कर्नाटका में भी आए हर जगह घूमें, छत्तीसगढ़ हर जगह, कोना-
कोना छापा मार रहे हैं, राजस्‍थान में भी आज जा रहे हैं, मध्‍यप्रदेश में जा रहे हैं, तेंलंगाना मे जा
रहे हैं, तो दिल्‍ली से लेकर गली तक घूम रहे हैं, लेकिन वोट देने के लिए तैयार नहीं हैं, लोग कांग्रेस
को चाह रहे हैं, कांग्रेस आने दो ये खुद लोग कह रहे हैं।

लेकिन मोदी जी मैं और एक बात पूछता हूं कि जब आपके नाम से इतने वोट आते हैं, पार्लियामेंट में
मैं सब वोट लाता हूं आप कहते हैं, फिर आपको हर राज्‍य में घूमने की क्‍या आवश्‍यकता हैं, हर
राज्‍य में आप घूम रहे हो, लेकिन जहां जा रहे हो, वहां हार रहे रहो। आप भी देखिए कर्नाटका के
कोने-कोने में वो गए, लेकिन वो हारकर आए, हिमाचल में गए वो हारकर आए, अब ये 5 स्‍टेट का
इलेकशन है यहां पर भी वो हार जाएंगे, ये बात आप लिख लीजिए, फिर भी हर जगह जाते हैं।
आज ऑपो‍जीश्‍न की गवर्नमेंट उनसे भी ज्‍यादा है, सबसे ज्‍यादा ऑपोजीशन पार्टी की सरकारें
हर स्‍टेट में हैं। अगर आपके पास इतनी जादू की छड़ी थी या है तो आप पश्‍चिम बंगाल कैसे हारे,
छत्तीसगढ़ कैसे हारे, राजस्‍थान कैसे हारे और हमारे तमिलनाडु कैसे हारे। आ‍प देखिए कितने हैं
12,15,16 स्‍टेट हारे, फिर भी वो बात कहते हैं कि लोग मुझे चाहते हैं इसीलिए मैं ये करता हूं।
अगर लोग चाहते तो इतने राज्‍यों को तुम नहीं खोते, बीजेपी सरकार वहां भी आती, लेकिन नहीं,
क्‍योंकि आप हमेशा दूसरों की योजनाओं को फेल करना इनकी आदत है, तो इसीलिए हमेशा बोलते
हैं आपकी गारंटी अलग है, कांग्रेस की गारंटी अलग है, लेकिन उनकी गारंटी क्या है, 35 साल
क्योंकि रिकॉर्ड बेरोजगारी है। ज्य़ादा से ज्यादा लोगों को बेरोजगार रखना, ये उनकी गारंटी है।
ज्यादा से ज्यादा जीएसटी बढ़ाना, ये उनकी गारंटी है। हमारी गारंटी क्या है, लोगों को सस्ता
अनाज देना, लोगों को पढ़ाना, लोगों को एमएसपी बढ़ाना, ये हमारी गारंटी है।
लेकिन उनकी गारंटी लोगों को सताने की और जो काम ये छत्तीसगढ़ में होता है, वो गुजरात में नहीं
हुआ। गुजरात मॉडल अगर आप स्वीकार करेंगे, तो आप मरेंगे। छत्तीसगढ़ का मॉडल अगर आप
स्वीकार करेंगे, तो आप बचेंगे। तो ये आपका काम है, इसलिए मैं आपसे विनती करता हूं कि
सोचिए, सोचकर कदम उठाओ और घर-घर जाकर अपील करो।
ये तो सरकारी काम है, बहुत काम सरकार का उन्होंने किया है। मैं पहले से ही बोल रहा हूं, उनको
और आप लोगों भी बधाई देता हूं, क्योंकि जब तक आप उनके पीछे मजबूत हैं, उनके साथ है तो
कोई कांग्रेस सरकार को बिगाड़ नहीं सकता, कोई भी इसको खराब नहीं कर सकता।
भाईयों, और एक मुद्दा हर जगह वो कहते हैं। हम महिलाओं के लिए रिजर्वेशन लाए और कांग्रेस
वाले उसका विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस वाले विरोध कर रहे हैं, अरे अमेंडमेंट 53-54 कौन लाया?
छत्तीसगढ़ में जिला पंचायतों में, तालुका पंचायतों में जो आपको रिजर्वेशन मिला है, जो महिलाएं,
माताएं आज कुर्सी पर बैठी हैं अध्यक्ष होकर, उपाध्यक्ष, वो किनकी वजह से, ये किसने किया, ये तो
कांग्रेस ने किया। राजीव गांधी जी ने किया, बाद में नरसिम्हा राव जी उसको कानून के मुताबिक
आगे लाए, लेकिन इसका भी क्रेडिट वही लेते हैं। अरे आप तो महिलाओं के बारे में कभी भी उनकी
हमेशा उनका एक ये है। उनकी जो आईडियोलॉजी है, वो महिलाओं के खिलाफ है, महिलाओं को
कभी भी उन्‍होंने आगे आने नहीं दिया।
ये जनसंघ का हो, भारतीय जनता पार्टी हो, आरएसएस हो, ये महिलाओं के खिलाफ हैं, महिलाओं
के विरोध में है। जब कांग्रेस कर रही है, तब वो आगे आते हैं। यही लोगों ने जब राजीव गांधी जी के
जमाने में और देवेगौड़ा जी जो हमारी पार्टी के सपोर्ट से प्रधानमंत्री बने थे, उस वक्त हमने जो पास
करवाया था, उसका भी अगर किसी ने विरोध किया, तो ये बीजेपी ने विरोध किया, इसलिए
हमारा बिल उसी वक्त गिर गया। क्या है एक कहावत है हिंदी में, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।

काम तो वो कर रहे हैं गलत और हमें बोल रहे हैं कि कांग्रेस आड़े आ रही है, गरीबों के लिए हम
कुछ देना चाहते हैं, मां-बहनों को देना चाहते हैं, शेड्यूल कास्ट को देना चाहते हैं।
अरे भाई शेड्यूल कास्ट को तो ऑलरेडी रिजर्वेशन है, तुम क्या देते हो। शेड्यूल ट्राइब को रिजर्वेशन
है, तुम क्या देते हो। उनको भड़काने का, आदिवासियों को मिल रहा है, शेड्यूल कास्ट को मिल रहा
है और ये लोग छीनना चाहते हैं। अरे छीनना हम नहीं चाहते, तुम तो छीनना चाहते थे, हमने
उसको रोक दिया, रख दिया और आगे हमारी सरकार आई, ये पहला हम काम करेंगे। तुम्हारा क्या
है, तुम 2034 का बता रहे हो। आज अगर उनमें महिलाओं के लिए प्रेम है, गरीबों के लिए प्रेम है,
पिछड़े वर्गों के लिए प्रेम है, तो अब जो संख्या अस्तित्व में, 543 आप उसी में करो। जब बढ़ जाएगी
संख्या, तो उस वक्त फिर सीट भी बढ़ जाएगी, डिलिमिटेशन होगा, अगर ज्यादा आ गए, फिर हम
उसको बढ़ाएंगे। नहीं वो नहीं चाहते। वो बोल रहे हैं अब कि सेंसस होना चाहिए, उसके बाद
डिलिमिटेशन होना चाहिए और ये सब होने के बाद ये 2034 में आएगा। यानी उनकी नीयत अच्छी
नहीं है और नीयत अच्छी नहीं रहने की वजह से अब गांव-गांव में फिरकर प्रचार कर रहे हैं कि
कांग्रेस वाले हमें मदद नहीं कर रहे हैं या मजबूरी में मदद करें। अरे मजबूरी में अगर मदद करते,
हम ये जो पंचायत में, जिला पंचायत में, म्यूनिसिपैलिटी में रिजर्वेशन लाते।
सोनिया गांधी जी का ये प्रण था कि महिलाओं को रिजर्वेशन दिला कर रहूंगी और उन्होंने पूरी
कोशिश की और दूसरी चीज ओबीसी का। अब जनसंख्या के आधार पर जनगणना कराना और ये
जो हमारा जनगणना है, वो जनगणना के लिए हम इसलिए तैयार हैं, उसमें गरीब लोग बहुत हैं,
पिछड़े लोग बहुत हैं, अति पिछड़े बहुत हैं, शेड्यूल कास्ट हैं, शेड्यूल ट्राइब्‍स हैं और ऐसे लोग हैं,
अगर एक बार सेंसस हुआ ओबीसी का, तो कौन कहाँ हैं, कितने लोग पढ़े हुए बैकवर्ड में हैं, कितने
लोग पढ़े हुए शेड्यूल कास्ट में है, कितने लोग नौकरियों में हैं, ये सारा निकल कर बाहर आएगा।
तब हमें मालूम होगा कि किनको क्या ट्रेनिंग देना, किनको क्या बताना, किनकी कौन सी मदद
करनी, पैसे से किसकी मदद करनी, जमीन अगर नहीं है, तो उसको कैसे देना, ये तमाम चीजों को
गरीबों को मदद करने के लिए हमने डिमांड की, कि ये गरीबों की, बैकवर्ड की जनगणना होनी
चाहिए, सेंसस होना चाहिए, उसको आप कीजिए।
अब कर्नाटका में भी तैयार है, कर्नाटका में पहले से ही तैयार है, लेकिन वो बाहर नहीं आया, लेकिन
अब आ जाएगा। बिहार में दो-दिन पहले उसको बाहर निकाला गया, उसमें सारी चीजें हैं मालूम है,
लेकिन मोदी साहब क्या कहते हैं, ये कांग्रेस वाले, ये अपोजीशन वाले देश को तोड़ने के लिए, लोगों
में फूट डालने के लिए, महिलाओं में फूट डालने के लिए, महिलाओं के हकों को छीनने के लिए ये कर
रहे हैं, ये उनका कहना है।
तो ये चीजें, जरा आप लोग होशियार हो गए हैं, थोड़ा मोदी साहब को जानना चाहिए। अब पहले
की तरह नहीं, 2014 में आए- आए, गलती से फिर एक बार 2019 में आए, लेकिन यही खेल आगे
नहीं चलने वाला है। हर कम्युनिटी के लोग होशियार हो गए हैं और देश को बचाने वाले तुम एक
ही नहीं हो, आप अकेले ही नहीं हैं। देश को बचाने वाले, देश में एकता रखने वाले हम हैं, हम सभी
लोग उसके लिए लड़ते हैं। देश को एकता से रखने के लिए इंदिरा गांधी जी ने अपनी जान दी।
राजीव गांधी जी ने अपनी जान दी और आज राहुल गांधी पदयात्रा करते हैं, हर जगह जाते हैं और
आज बैकवर्ड के लिए लड़ रहे हैं और इसके बावजूद भी हमारे ऊपर टीका-टिप्पणी कर रहे हैं। अब
हमारे चार मुख्यमंत्री हैं, 4 मुख्यमंत्री में से आप बताइए, हम उनको रिप्रेजेटेंशन ठीक दिया या

नहीं? अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कौन हैं – बघेल जी हैं। बघेल बैकवर्ड हैं, क्या हैं, तो बैकवर्ड हैं।
कर्नाटका में सिद्दारमैया हैं और वो एक धनगढ़, शैफर्ड कम्युनिटी से आते हैं, वो भी बैकवर्ड हैं।
राजस्थान में गहलोत जी, वो भी बैकवर्ड हैं, अरे हमारे पास 4 मुख्यमंत्री हैं, उसमें तीन बैकवर्ड
क्लास के लोग हैं और आपके पास किसी बैकवर्ड को भी लिए, किसी शेड्यूल कास्ट को भी लिए, तो
अंतर इतना दूर रहता है, उसके साथ बेचारे, चीफ मिनिस्टर भी बात नहीं करता, कैबिनेट
मिनिस्टर से वो बात नहीं करते, सबका वो पहले हम देखते थे, सब टीवी ये नहीं थे, वो दूरदर्शन
देखते थे। वैसे ही आज मोदी साहब उन कैबिनेट मिनिस्टर को, चीफ मिनिस्टर को, अच्छे-अच्छे
जितने भी बड़े अधिकारी हैं, उनको दूर से ही दर्शन देते हैं। इसलिए वो दूरदर्शन अब वहाँ गया है।
पहले जो आकाशवाणी इसमें था, वो डिपार्टमेंट में था, अब दूरदर्शन मोदी जी के पास है, सबको दूर
से दर्शन देते हैं। नजदीक जाना बड़ा मुश्किल है।
कहीं फोटो खींचकर जबरदस्ती से लेते हैं, वो बात और है। लेकिन यहाँ हमारे पास चीफ मिनिस्टर,
हमारे नेता राहुल गांधी जी लोगों से मिल रहे हैं, कारपेंटर के पास जाते हैं, मैकेनिक के पास जाते
हैं, छोटे-बड़े लोगों के पास जाते हैं। अमृतसर में जाकर वो जोड़ी सेवा करते हैं, उनके कटोरे धोते हैं,
ये हमारा मकसद है और हमारे नेता लोग जनता के नजदीक हैं। ये दूरदर्शन नहीं देते हमारे लोग,
जो हमारी बहुत बड़ी 4,500 किलोमीटर की जो चली भारत जोड़ो यात्रा, हर एक लोग से मिले,
हर एक को गले लगा लिए। बूढ़ा हो, नौजवान हो, महिलाएं हों, सबके साथ थे। मोदी जी के पास है
वो? देखा कभी, छत्तीसगढ़ में आकर कभी मिले ऐसे? अब जब ये नहीं है, जिसके पास कंपेशन नहीं
है, करुणा नहीं है, वो आदमी दूसरों के बारे में ठीक से नहीं सोचता।
इसलिए भाइयों, मैं आप लोगों का ज्यादा वक्त नहीं लेता, मैं यही कहूंगा कि जो काम हम पहले से
करते आए हैं और करते रहेंगे और ये जो झूठे लोग हैं, झूठे के सरदार जो लोग हैं, इनको जरा दूर
रखिए आप और उसके बारे में आपको सोचना पड़ेगा।
मैं आखिरी बात एक बोलता हूं। ये देश में जो सबको वोटिंग का हक मिला, वो पंडित जवाहरलाल
नेहरु जी और डॉ. अंबेडकर जी की वजह से मिला, ये याद रखिए। जो अडल्ट फ्रैंचाइज है, जिसकी
उम्र उस वक्‍त 21 थी, आजादी मिलने के बाद, सभी 21 वर्ष के पुरुष हों या महिला हों, उन सबको
वोटिंग का अधिकार मिला। अमेरिका में आजादी मिलने के कई सालों के बाद महिलाओं को वोटिंग
मिली, यूके में मिली, फ्रांस में मिला कई सालों के बाद। यहाँ जिस दिन सविधान तैयार हुआ, उसी
दिन महिलाओं को वोटिंग का अधिकार मिला, दलितों को मिला, पिछड़ों को मिला, सबको मिला,
मिला या नहीं? क्या उस वक्त मोदी जी पैदा हो गए थे, क्या शाह पैदा हो गए थे? अरे हमने
सबकुछ करके दिया, अगर हम इस लोकतंत्र को नहीं बचाते, इस संविधान को अगर हम नहीं बचाते
तो मोदी जी और शाह जैसे लोग प्रधानमंत्री और गृहमंत्री नहीं बन सकते थे। ये हमारी देन है,
हमारा गिफ्ट है, इसके लिए तो शुक्रिया अदा करो, ये सब छोड़कर परिवारवाद, परिवारवाद।
परिवार में कौन है भाई, क्या गांधी परिवार में 89 के बाद कोई प्रधानमंत्री बना, बोलिए आप कोई
प्रधानमंत्री बना, क्यों हिचकिचा रहे हैं? कोई नहीं बना और जब सोनिया गांधी जी बनी, जब
मौका था, लोग जाकर उनसे मिले, उनको कहा कि आप इस देश की प्रधानमंत्री बनें, सभी लोग हम
चाहते हैं, मैज्योरिटी आपके साथ है, लोगों ने कहा। तब सोनिया गांधी जी ने स्वीकार नहीं किया,
एक इकॉनोमिस्ट डॉ मनमोहन सिंह को इस देश का प्रधानमंत्री बनाया।

अरे ये है हमारे उसूल, तुम तो लड़ रहे हो कुर्सी के लिए और मोदी जी छोड़ ही नहीं रहे हैं। ये बाकी
के लोग बड़े परेशान हैं कि मोदी कितने दिन रहेगा, हमें चांस मिलेगा या नहीं मिलेगा, सोच रहे हैं।
इसलिए अब वो एक-एक को हटा रहे हैं। मध्यप्रदेश में आपने देखा होगा, सेंटर में जितने भी
मिनिस्टर हैं, उनको यहाँ लाकर भर्ती कर रहे हैं, रिक्रूट कर रहे हैं। तो ये चीज उनमें है। हमारे पास
कोई नेता कुर्सी के लिए नहीं लड़ा। गरीबों के लिए लड़ा, गरीबों की भलाई के लिए लड़ा, लेकिन
आज वो लोग कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं औऱ कुर्सी के लिए और जो कुछ भी पूछो हमने किया बोलते
हैं। अरे, तुमने जो किया उसका क्रेडिट लिया, जो नहीं किया, उसका भी आप ही क्रेडिट ले रहे हैं।
तो मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहता और आज जो हमारा आने वाले हमारे एसेंबली के
चुनाव हों और उसके बाद में पार्लियामेंट के चुनाव हों, उस पार्लियामेंट के चुनाव में और एसेंबली के
चुनाव में आप लोग जोरदार मेहनत करके गांव-गांव जाकर कि हमें कांग्रेस को मजबूती दो और
अगर इसको मजबूती मिली, तो मैं ये कहूंगा कि फिर से कांग्रेस पार्टी का राज इस छत्तीसगढ़ में
आएगा और आज जितना भरोसा, पूरा उन्होंने अनुष्ठान किया और जो उनके आगे आने वाले
मैनिफेस्टो हो, चुनाव मैनिफेस्टो में जो और वायदे करेंगे, वो पूरा-पूरा कांग्रेस पार्टी निभाएगी।
इसलिए मैं ज्यादा और उचित नहीं समझता कि आपका समय लूं और एक ही बात मैं कहूंगा कि
आपके पास हिम्मत है, आपके पास सब कुछ है डरो मत। तो डराएंगे थोड़ा कुछ, हमेशा ही यहाँ
होता रहता हूं, अच्छा कोई कार्यक्रम रहा, मोदी जी की टीम आती है, तो हारने दो-जीतने दो वो
फील्ड में रहते ही हैं। जब मेरा यहाँ पर इलेक्शन हुआ, उसके बाद यहां पर अधिवनेशन हुआ, उस
अधिवेशन के दिन ही उन्होंने हमारे कांग्रेस के नेताओं के ऊपर ईडी की रे़ड डाली, सीबीआई की
डाली, लेकिन लोग डर ही नहीं रहे, वो डराने की कोशिश कर रहे हैं, जो नीयत से हमारे लोग हैं,
वो नहीं डर रहे हैं। जब नहीं डरते हैं, तो वो कुछ ना कुछ करते हैं। मैं आप सब लोगों की तरफ से
मोदी जी से एक विनती करुंगा, कम से कम एक मीटिंग कम करके मणिपुर जाकर आप एक मीटिंग
लो। 6 महीने हो गए हैं, दंगे चल रहे हैं, लोगों को मार रहे हैं, महिलाओं को नंगा करके फिरा रहे हैं,
गोलियां चला रहे हैं। वहाँ आप नहीं जा रहे हैं। मणिपुर क्या इस देश का हिस्सा नहीं है? वहाँ
इसलिए नहीं जा रहे हैं कि इनको आने ही नहीं दे रहे वो और यहाँ फिर रहे हैं कहाँ, जहाँ लोग
मजबूत हैं, अच्छी सरकारें चल रही हैं। कैसे भूपेश बघेल से कैसे मैं आगे निकलूं, राजस्थान को कैसे
मैं निकाल दूं, हर चीज और कर्नाटका को कैसे मैं निकाल दूं।
देखिए, ऐसा करने से नहीं होता, देश के लोगों की चिंता करनी चाहिए, मणिपुर में जो आज चल
रहा है, मोदी साहब के चुप बैठने की वजह से चल रहा है, मोदी साहब हिम्मत नहीं कर रहे हैं। मैं
समझूंगा मोदी साहब हिम्मत हारे हैं। अगर आपके पास हिम्मत है, तो वहाँ जाकर सुलझाओ। वहाँ
सुलझाना नहीं चाहते आप, जलने दो जितना दिन जलता है। हमारे राहुल जी जाकर आ गए, 21
एमपी जाकर आ गए, भाई आपको क्या हो गया। आपके पीछे तो 25 गाड़ियां या 40 गाड़ियां
रहती हैं और आपके पीछे बंदूकधारी लोग भी रहते हैं। इतनी व्यवस्था रहने के बावजूद भी आप डर
रहे हैं, वहाँ जा नहीं रहे हैं। इसका मकसद क्या है, तो भाईयों कम से कम एक मीटिंग छत्तीसगढ़ में
कम करके या हमारे तेलंगाना में कम करके या अपना राजस्थान में कम करके कहीं तो एक मीटिंग
कम करके एक बार तो मणिपुर में जाकर आने दो, यही मैं अपील करता हूं आपकी ओर से और
इससे ज्यादा मैं कुछ और नहीं कहना चाहता हूं, क्योंकि उधर अपने दक्षिण में, दक्षिण में तो उनकी
दुकान बंद हो गई है, क्योंकि अब तमिलनाडु में कुछ नहीं है, उसके बाद केरल में नहीं है, उसके बाद

कर्नाटका में नहीं है, उसके बाद अब आंध्रा में तो उनका कुछ भी नहीं है और तेलंगाना आता है, वहाँ
तो आने वाले नहीं हैं, वहाँ भी कांग्रेस ही आएगी।
तो इसलिए उन लोग दक्षिण दरवाजे को बहुत बड़ा अलीगढ़ का ताला लगा दिया है। वही बीजेपी
वाला नहीं जाना वहाँ पर, ये उनका कहना है, तो इसलिए आज आप सभी मिलकर हमें मदद करेंगे,
साथ देंगे और जो कार्यक्रम हमारे भूपेघ बघेल जी और उनके साथियों ने किया है, अच्छा काम किया
है, उसको और मजबूती से आप काम कराइए और मौका दीजिए। इतना कहते हुए मैं अपने भाषण
को समाप्त करता हूं।

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